Saturday 28 October 2023

अजीब से ख्याल ४

में उन सफ़ेद फूलों  मे रंग भर रहा हूँ 

जिनके पौधों की मिटटी कभी माली ने बदली ही नहीं !


शायद प्रकाश भी मैला हो गया होगा 

मेरी समझ तक पहुंचना आसान नहीं हे !


रात के कालीन पर कुछ बड़े सितारे भी पसरे हे 

ज़रूर कोई इसे धोकर लाया हे आज !


पहाड़ो पर भीड़ बढ़ गई हे सजदा करने के लिए 

पाप मुझमे हे या इस भीड़ मे ढूंढ़ना होगा !


सच कह रहा हूँ आईना देखकर 

उसका पता नहीं , उसके घर के सामने !


कमाल करते हे लोग मुझसे इश्क़ जता कर 

आँगन के सब पेड़ मैंने काट दिए नए मकान की खातिर !


आधा मेरी रूह का टुकड़ा बड़ा खुश हे आज 

बचा हुआ कब तक संभाल कर रखोगे !


--
नीरज सिंह!
Neeraj Singh
neeraj.singh0901@gmail.com
9770909981

Tuesday 5 October 2021

आज़ादी के वीर

 जो निकले थे सीना ताने

अपनी जान गवाने

आज़ादी के सपनो को बुनकर

कभी न अपनो की सुनकर।


उनकी जान को तुम कैसे

किसी के सर थोपते हो

ऐसी सोच उनकी न थी

तुम ऐसा क्यों सोचते हो।


किसी और को दोषी बनाकर

अपना सीना ठोकते हो

ये बताकर तुम खुद को 

वैसा होने से रोकते हो।


जागो अब भी समय बचा हे

जो इतिहास उन्होंने रचा हे

व्यर्थ न करो ये मानकर

खुद तुम खड़े थे रण में जानकर।


आगे फिर युद्ध हो गया ,

और फिर जहां बेबसी में को गया,

करना तुम भी वही निश्चय,

जिन वीरों का देते हो तुम परिचय।

(उन सभी मित्रों के लिए जो आज़ादी के वीरो को तय शुदा पैमानों पर नापते हे और भेदभाव की भावना रखते हे !)

Wednesday 22 July 2020

अजीब से ख्याल - ३

मिठाइयों से भर गई हे, धर्म की कढ़ाई ,
और चाशनी चढ़ेगी, निर्दोष रक्त की!

भूखा प्यासा, मर रहा था ,
दुआओं से, झोली भर रहा था , रोटी के लिए !

फिर जीत गया, वो ट्रैफिक सिग्नल,
लाल हुआ , पर रौशनी से नहीं!
 
राख पर सो रहे हे, ये बाशिंदे ,
चन्दन सी महकती, ज़िन्दगी के लिए!

सूने हो गए, बारिश को तरसते गाँव,
बाढ़ शरमा गई, आते आते!

इलाकों के रंग , परछाई की गंध,
बेच गया , वो रौशनी वाला!

पुरानी कश्ती पर सवार हस्ती,
और मूर्ति के कीर्तिमान कि मस्ती !

काले सफ़ेद हे , सफ़ेद  काले हे
ये गिरेबान मे , कैसे सांप पाले हे!

रहते हे जमीन पर , आसमान की फांकते हे ,
ये ऐसे निक्कमे हे , जो मेरे काम को आंकते हे!
 
--
नीरज सिंह!
Neeraj Singh
neeraj.singh0901@gmail.com
9770909981

Monday 13 August 2018

अजीब से ख्याल - २

रात को सुला दिया , इतने जागे,
रौशनी के डब्बे ख़रीदे और , भागे!

छोटे छोटे डिब्बों मे कैद हो गए,
सीरत के काले , सूरत के सफ़ेद हो गए !

लाश के सहारे, तैर रहे थे,
वो खुद के सर पर, हाथ फेर रहे थे!

जमीं मे धंस गए, जमीन वाले,
और जल गया वो, पटाखों का सेठ!

चाँद पर बैठा हूँ , पूँछ लटकाकर ,
मे हूँ बन्दर , शायरी का !

बचा लिए थे उसके, खत,
अकेले मे, दिल से , जलाने को !

मन की बात , हो रही हे ,
बात मानी जा रही हे ... बेशर्मी ओढ़कर!

मरीख पर भले जिंदगी खोज लो ,
कमबख़्तो , बची जिंदगी मे जिंदगी खोज लो !

बस उठकर तू देख ले,
नाप ले जमीं ,
आसमां का रंग तो,
देख ले !

Neeraj Singh!

Tuesday 8 August 2017

अजीब से ख्याल - १

खा गया उसे, उसका वक्त ,
उसकी जमात , उसका रक्त!

सूख गया, वो पैमाना,
वो बारिश, वो जमाना!

दिन अजीब , रातें अजीब,
ज़िन्दगी अजीब, रोज़ाना!

लाईकी के लायक कहाँ,
मेरे ख्वाब जहाँ , मे वहां!

फड़फड़ाकर, उड़ गए परिंदे,
दाने का लालच , लालच के दरिंदे!

ज़ुबान को, काटता हे,
वो चुना, चाटता हे!

ज़िंदा, रास ना आया,
सड़ाया , निचोड़ा, पी गया!

पागल अक्स उसका,
रौशनी से डरा हे,
आधा मुझ पर ,
आधा ज़मीन पर पड़ा हे!

--
नीरज सिंह!
Neeraj Singh
neeraj.singh0901@gmail.com
9770909981

Tuesday 20 June 2017

जब भी उसकी बात हो जाती हे

जब भी उसकी बात हो जाती हे,
उससे मुलाकात हो जाती हे,
लिखता हूँ अंधेरों मे,
चांदनी रात हो जाती हे!

उसे दो घूँट लिखता हूँ ,
वो चुपके पास आती हे ,
कलमे मेरी चाहत के,
बेवक्त गुनगुनाती हे!

बिखरता हे समां ऐसा,
के स्याही फ़ैल जाती हे,
काजल की लकीरो मे,
लकीरें मुस्कुराती हे!

ख्यालों की ख्यालों से,
वो बंदिश हो सी जाती हे,
जिसे ना साज़ की परवाह,
ग़ज़ल वो याद आती हे!

तैरती हे वो कागज़ पर,
थोड़ा उड़ती जाती हे,
ख्वाबो की उस कश्ती की,
मर्रम्मत हो ही जाती हे!

जब भी उसकी बात ..... चांदनी रात हो जाती हे!

--
Neeraj Singh
नीरज सिंह

Wednesday 29 June 2016

Drinking Limits From "Unit" point of view and it's relationship with "Peg" View

According to NHS from UK the low risk rules to drink alcohol are -

  • Men and women are advised not to regularly drink more than 14 units a week
  • Spread your drinking over three days or more if you drink as much as 14 units a week.
  • Should have at least two alcohol-free days a week.
  • Pregnant women or women trying to conceive should not drink alcohol at all. 

However, it strictly suggests that drinking is a bad habit and should not be carried.

Thus, it becomes important to understand the value of a unit in relation ship with milliliter.

As per the standards to calculate the units the formula is
ABV(% of alcohol) X Quantity in ML      = UNIT OF ALCOHOL
------------------------------------------------------------------------------------
                                                     
/ 1000
For example -

If you are drinking a vodka , small peg i.e. 30 ML and percentage of alcohol on bottle is 37.5% than no. of units you are consuming are
37.5 X 30   =  1.125 (Units of alcohol)
---------
  /1000
You can use the following chart if you feel confused about the conversion of pegs of alcohol to units according to drink/bottle type.

Number of alcohol Unit by Peg Type
Number of alcohol Unit by Peg Type
Number of alcohol Unit by Bottle Type
Number of alcohol Unit by Bottle Type

Note- These Tables are summarized on the basis of the formula mentioned above.

Disclaimer - This article does not promote drinking alcohol OR alcoholic beverages. It only shows the unit conversions of bottle and drink types from ML to "Unit". The Legal Limits of Drinking and their fines/penalties as per the laws embodied by the government changes according to the country. This article does not show the legal drinking limits of a person according to age or any other demographics.

Neeraj Singh (neeraj.singh0901@gmail.com)
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