कड़वी चिलचिलाती धूप पसर रही थी!
वो दुकान से निकला और तेश मे नंगी पीठो पर बेंत से कई वार करके चिल्लाया!
"ठीक से उठाओ, तुम्हारे बाप का माल नहीं हे"!
बाहर बैठा वफादार बोला , "क्यों मरते हो नन्ही जानो को? क्या बिगाड़ा हे इन्होने तुम्हारा?
वो बोला "तू तेरा काम कर" वरना.....
वफादार ने दुकान की दीवार पर लगा तख्ता पढ़ने की कोशिश की , साफ़ लिखा था ......
"बाल श्रम प्रतिबंधित हे"!
-
Neeraj Singh
neeraj.singh0901@gmail.com
https://in.linkedin.com/in/neerajsingh01
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वो दुकान से निकला और तेश मे नंगी पीठो पर बेंत से कई वार करके चिल्लाया!
"ठीक से उठाओ, तुम्हारे बाप का माल नहीं हे"!
बाहर बैठा वफादार बोला , "क्यों मरते हो नन्ही जानो को? क्या बिगाड़ा हे इन्होने तुम्हारा?
वो बोला "तू तेरा काम कर" वरना.....
वफादार ने दुकान की दीवार पर लगा तख्ता पढ़ने की कोशिश की , साफ़ लिखा था ......
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